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मंदिर प्रशासन के सामने पांच बड़ी चुनौतियां:श्रावण में 30 मिनट में कैसे होंगे दर्शन, पालकी निकालने का मार्ग बंद, भीड़ प्रबंध का प्लान नहीं बना, संकेत भी नहीं लगाए
श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली श्री महाकालेश्वर की सवारियों की शृंखला इस बार 15 जुलाई से प्रारंभ की जाएगी। ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार इस बार श्रावण-भादौ माह में कुल छह सवारियां निकाली जाएंगी।
पहली सवारी 18 जुलाई, दूसरी सवारी 25 जुलाई, तीसरी सवारी 1 अगस्त, चौथी 8 अगस्त, पांचवीं 15 अगस्त और शाही सवारी 22 अगस्त को निकाली जाएगी। इसके लिए महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में तैयारियां तेज हो गई है।
इसके बावजूद मंदिर प्रशासन के सामने पांच बढ़ी चुनौतियां हैं। दो साल बाद श्रावण में देशभर से श्रद्धालु महाकाल दर्शन-पूजन के लिए आएंगे। सवारी भी परंपरागत मार्ग से निकाली जाएगी। ऐसे में सुलभ दर्शन के साथ निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने की जरूरत है।
यह पांच चुनौतियां…संकेतक नहीं होने से श्रद्धालु होते परेशान और बारिश आने से हो सकती है मुश्किल खड़ी
पालकी का मार्ग बंद
अभी स्थिति : पूजन के बाद परंपरागत द्वार से पालकी मंदिर के बाहर निकाली जाती है। वर्तमान में निर्माण के कारण यह चारों ओर से बंद है।
यह होना चाहिए : रैंप बनाई जा रही है। उसका निर्माण तेजी से किया जाना चाहिए। निर्माण एजेंसी यूडीए को इस संबंध में निर्देश दिए जाना चाहिए।
किसी भी मार्ग पर संकेतक नहीं लगाए
अभी स्थिति : प्रवेश के लिए स्पष्ट संकेतक नहीं लगाए हैं। ऐसे में बाहर के साथ स्थानीय श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति रहती है। यह होना चाहिए : हरसिद्धि चौराहा, बेगमबाग, महाकाल घाटी, चौबीस खंभा मार्ग पर इस तरह के संकेतक लगाए जाने चाहिए। इससे श्रद्धालुओं को सुविधा हो।
वर्षाजल निकासी के इंतजाम कैसे करें
अभी स्थिति : बारिश के दौरान गर्भगृह और आपातकालीन द्वार में पानी भर गया था। मंदिर को अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करने पड़े। यह होना चाहिए : बारिश के पहले मंदिर में वर्षाजल निकासी के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। जो नालियां चोक हैं, उनकी सफाई करवाएं ताकि बारिश में परेशानी न हो।
निर्माल्य की सुलभ निकासी
अभी स्थिति : बाल हनुमान मंदिर के पास निर्माल्य एकत्र किया जा रहा है। बारिश पर सड़ने लगेगा। जिससे दर्शन व्यवस्था प्रभावित होगी। यह होना चाहिए : श्रावण में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से निर्माल्य में भी बढ़ोतरी होगी। प्रबंधन को चाहिए कि वह निर्माल्य को उठाने की नियमित व्यवस्था करवाए।
सुलभ दर्शन कहां से कराएं
अभी स्थिति : गेट 5 से आम श्रद्धालु बिना शुल्क दर्शन कर सकते हैं। श्रावण में भीड़ बढ़ने पर क्या व्यवस्था रहेगी। तय नहीं है। यह होना चाहिए : आम यानी नि:शुल्क, वीआईपी यानी सशुल्क दर्शनार्थियों के लिए कहां से किस वक्त तक दर्शन लाभ दिए जाएंगे, इसका शेड्यूल तैयार किया जाना चाहिए।
सीधी बात- गणेशकुमार धाकड़, प्रशासक
महाकाल सवारी के मुख्य मार्ग पर बनाएंगे रैंप
श्रावण में सुलभ दर्शन के लिए क्या तैयारियां की है?
हमारा प्रयास रहेगा कि मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं काे 30 मिनट में दर्शन लाभ दिए जा सकें।
सवारी के मुख्य मार्ग पर निर्माण चल रहा है, एक महीने में कैसे पूरा करवाएंगे?
इसके लिए रैंप बनाई जा रही है। यूडीए को निर्देश दिए हैं कि तय समय में काम पूरा करें।
अब तक संकेतक नहीं लगवाए, कैसे पता चलेगा कहां से प्रवेश करें? संकेतक के लिए एक एजेंसी को काम सौंप दिया है। एक सप्ताह में काम शुरू कर देंगे।